दोस्तों एक बार फिर से आपका हमारी वेबसाईट स्वागत है| आज हमने इस लेख में Vitamins in Hindi | विटामिन के प्रकार, स्त्रोत, कार्य, कमी से होने वाले रोग के बारे में जानकारी साझा की है| आज हमने इस लेख में Vitamins in Hindi | के बारे में जानकारी साझा की है| यह लेख विटामिन के प्रकार, स्त्रोत, कार्य, कमी से होने वाले रोग आपके आने वाली सभी सरकारी प्रतियोगिताओं के दृष्टिकोण से काफी सहायक सिद्ध हो सकती है|
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Vitamins in Hindi
विटामिन के प्रकार, स्त्रोत, कार्य – मानव शरीर को जीवित रहने के लिए भोजन की आवश्यकता होती है, परन्तु स्वस्थ रहने के लिए भोजन में आवश्यक पोषक तत्वों और विटामिनों का होना जरूरी है। भोजन में विभिन्न पोषक तत्वों के साथ-साथ विटामिन्स का विशेष महत्व है | सामान्य उपापचय (Metabolism) के लिए विटामिनों (Types of Vitamins) की आवश्यकता होती है, यदि मनुष्य के आहार में किसी विटामिन की कमी हो जाये तो उससे जुड़ी बीमारी हो जाती है | विटामिन का मुख्य कार्य हमारे भोजन को ईंधन में बदलना है, जिससे भोजन का अच्छे से पाचन हो सके | चिकित्सक क्रिस्टियान इज्कमैन (Christiaan Eijkman) ने विटामिन की खोज की | विटामिन शब्द का नामकरण पोलिश बायोकेमिस्ट (कैसिमिर फंक 1912) में किया गया था |
विटामिन के नाम उपयोग एवं स्त्रोत
नाम | स्त्रोत | कार्यिकी | कमी का प्रभाव |
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विटामिन – A (रेटिनॉल) | दूध, मक्खन, अंडा, यकृत, मछली का तेल | | दृष्टि रंगाओं का संस्लेष्ण, एपिथिलियसी स्तरों की वृद्धि एवं विकास | | कार्निया व् त्वचा की कोशिकाओं का शल्कोष्ट, रतौंधी, कुठित वृद्धि | |
विटामिन – D (कैल्सीफेरोल) | मक्खन, यकृत, गुर्दे, अंडे, मछली का तेल, त्वचा, और यीस्ट में सूर्य प्रकाश में संश्लेशण | | कैल्शियम व् फास्फोरस का उपापचय, हड्डियों और दांतों में वृद्धि | | सुखा रोग और ओस्ट्रियोमैलेसिया | |
विटामिन – E (टेकोफेरोल) | तेल, गेंहू, अंडे की जर्दी, सोयाबीन | | कोशिका कला की सुरक्षा, जननिक एपीथिलिय्म की वृद्धि, पेशियों की क्रियाशीलता | | जनन क्षमता में कमी, जननांग तथा पेशी की कमजोरी | |
विटमिन – k (नैफ्थोक्विनोन) | हरी प्रतियाँ, अंडा, यकृत, टमाटर, गोभी, सोयाबीन | | यकृत में प्रोथोम्बिन का संसलेष्ण | | रुधिर का थक्का ना होना | |
विटामिन – B1 (थायमिन) | अनाज, फलियाँ, सोयाबीन, दूध, यीस्ट, अंडे, मांस | | कार्बोहाईड्रेट एवं अमीनों अम्ल उपापचय के लिए आवश्यक एंजाईम का सह-एंजाइम | | बेरी-बेरी |
विटामिन – B2 (राईबोफ्लेविन) | हरी पतियाँ, पनीर, अंडे, यीस्ट, मांस यकृत | | उपाचय में महत्वपूर्ण सह-एंजाइम घटक | | किलोसिस | |
विटामिन – B3 (निकोटिन अम्ल) | मांस, मछली, अंडे, दूध, मटर, मेवा, फलियाँ | | उपाचय में महत्वपूर्ण सह-एंजाइम घटक | | पेलाग्रा | |
विटामिन – B5 (पेंटोथिनिक अम्ल) | अंडे, दूध, मांस, मूंगफली, गन्ना | | अपचय में सह-एंजाईम-A का घटक | | वृद्धि कम, चर्म रोग,जनन क्षमता में कमी | |
विटामिन – B6 (पाइरीडॉक्सिन) | दूध, मांस, मछली, यीस्ट, यकृत और अनाज | | प्रोटीन उपापचय में आवश्यक एंजाइमो का सह-एंजाइम | | रक्तक्षीणता, चर्म रोग, पेशीय एंठन | |
विटामिन – H (बायोटिन) | अंडा मांस, गेंहू, मूंगफली, सब्जियां, फल | | वसीय एवं अमीनो अम्लों सहित कई अन्य पदार्थों का संशलेष्ण अभिक्रियाओं में सह-एंजाइम | | वालों का झड़ना, चर्म रोग | |
फॉलिक अम्ल समूह | हरी प्रतियाँ, सोयाबीन, फलियाँ यकृत | | वृद्धि रूधिराणुओं का निर्माण, DNA का संशलेष्ण | रुधिर क्षीणता, कुठित वृद्धि | |
विटामिन – B12 (सायनोकोबा लएमीन) | मांस, मछली. दूध और अंडा | | वृद्धि रूधिराणुओं का निर्माण, न्यूक्लिक अम्लों का संशलेष्ण | | रुधिरक्षीणता, तंत्रिका तंत्र की गड़बड़ियां | |
विटामिन – C (एसकॉर्बिंक अम्ल) | नींबू, संतरा, टमाटर, सब्जियां | | हड्डियों के मैट्रिक्स दांतों के डेंटिन का निर्माण | | स्कर्वी रोग | |
विटामिनों को दो दागों में विभाजित किया गया है –
- वसा में घुलनशील विटामिन (Fatty Vitamin Vitamins)
- पानी में घुलनशील विटामिन (Soluble Vitamin Water)
वसा में घुलनशील विटामिनों के नाम (Fat Soluble Vitamins Name)
विटामिन A, D, E और K वसा में घुलनशील हैं। वसा में घुलनशील विटामिन शरीर (Body) और यकृत (Liver) के वसा ऊतकों में संगृहीत रहते हैं. वसा में घुलनशील विटामिन वसा या लिपिड की सहायता से आँतों के मार्ग से अवशोषित होते है और ये शरीर में काफी समय तक संग्रहित रह सकते है |
पानी में घुलनशील विटामिनों के नाम (Name of Soluble Vitamin Water)
विटामिन B1, B2, B3, B5, B6, B7, B9, B12 और C अर्थात B और C पानी में घुलनशील हैं | ये विटामिन शरीर में अधिक समय तक संग्रहीत नहीं रह सकते हैं। और ये मूत्र के माध्यम से जल्दी ही उत्सर्जित हो जाते हैं।
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