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Newton’s Laws of Motion Notes in hindi
न्यूटन के गति के नियम
हेलो दोस्तों आपका हमारी वेबसाइट में स्वागत है आज हमने अपने इस लेख में न्यूटन के गति के नियमों newton’s laws of motion notes in hindi का वर्णन किया है| यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है| तथा इस लेख का उद्देश्य आपके मानसिक विकास को बढ़ाना तथा आपकी आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए पूर्ण रूप से तैयार करना है| तथा यह जानकारी आपके प्रतियोगी परीक्षाओं के दृष्टिकोण से बहुत जरूरी है|
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newton’s laws of motion notes in hindi |
newton’s laws of motion notes pdf
न्यूटन के गति के नियम
प्रथम नियम
प्रत्येक वस्तु अपनी विराम अवस्था अथवा सरल रेखा में एक समान गति अववस्था बनाए रखती है| जब तक कि उस वस्तु पर कोई बाहर असंतुलित बल कार्य ना करें|
प्रथम नियम में जड़त्व का नियम अंतर्निहित है|
प्रथम नियम से बल की परिभाषा प्राप्त होती है|
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उदाहरण:-
गतिशील वस्तु पर/में सवार व्यक्ति वस्तु के अचानक रुक जाने पर आगे की ओर झुक जाता है, एवं स्थिर वस्तु के अचानक गतिशील हो जाने पर सवार व्यक्ति पीछे की ओर झुक जाता है: गोली मारने पर दांत में गोल छेद हो जाता है: कंबल/कोट को डंडे से प्रहार करने पर धूल कण झड़ जाती है|
द्वितीय नियम
वस्तु में उत्पन्न त्वरण वस्तु पर आरोपित बल के समानुपाती होता है तथा त्वरण की दिशा बल की दिशा में होती है|
द्वितीय नियम से बल का व्यंजक (F= m x a) प्राप्त होता है|
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उदाहरण:-
क्रिकेट बॉल का कैच लेते समय खिलाड़ी अपने हाथ को पीछे की ओर खींचता है: गाड़ियों में स्प्रिंग एवं शॉक एब्जॉर्बर लगाया जाता है| ताकि झटका कम लगे: कील को अधिक गहराई तक गाड़ने के लोए भारी हथौड़े का प्रयोग किया जाता है|
तृतीय नियम
प्रतिक्रिया के बराबर परंतु विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है|
तृतीय नियम को ‘क्रिया-प्रतिक्रिया’ का नियम भी कहा जाता है|
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उदाहरण:-
बंदूक से गोली निकलने पर पीछे की ओर झटका लगना, रॉकेट का आगे बढ़ना, नाम से जमीन पर कूदने पर नाव का भी विपरीत में अथवा पीछे हटना|
रॉकेट प्रणोदन, न्यूटन के गति के तृतीय नियम अथवा संवेग-संरक्षण नियम को अभिव्यक्त करता है|
भूस्थिर उपग्रह के भूस्थिर कक्षा की ऊँचाई पृथ्वी की सतह से लगभग 35800 कि.मी. होती है|
पालयन वेग वह न्यूनतम वेग है जिसके साथ वस्तु को उद्धर्वाधर दिशा में फेंकने पर वह अनंत तक पहुच सके|
किसी वस्तु का पलायन वेग उसके द्रव्यमान पर निर्भर नही करता है|
किसी वस्तु का पृथ्वी पर से पलायन वेग 11.2 km/s तथा चन्द्रमा पर से पलायन वेग 2.37 km/s होता है|
पलायन वेग काफी कम होने के कारण चंद्रमा पर कोई वायुमंडल नहीं होता है|
optical phenomena examples
प्रकाश घटनाओं के व्यवहारिक परिणाम
1.अपवर्तन
अपवर्तन के कारण जल में आशिकी तिरछी डूबी छड़ सतह पर मुड़ी हुई नजर आती है| तारों का टिमटिमाना, जल से भरे बीकर में अवस्थित सिक्के का ऊपर उठा दिखाई देना,सूर्योदय के समय सूर्य का चिपटा दिखाई देना, जल केंद्र मछली का वास्तविक गहराई से ऊपर दिखाई पड़ना, पानी से भरी बाल्टी की गहराई कम प्रतीत होना आदि अपवर्तन के उदाहरण है|
2. पूर्ण आंतरिक परावर्तन
पूर्ण आंतरिक परावर्तन के कारण घटने वाली घटनाएं हैं: इंद्रधनुष का बनना, हिरा का अत्यधिक चमकीला दिखाई देना,पानी में बुलबुले का चमकना, मरुस्थल में मरीचिका का दिखाई पड़ना, जल में डूबी खोखली परखनली का चमकीला दिखाई पड़ना, कांच के चटके हुए भाग का चमकीला दिखाई पड़ना आदि| प्रकाशिक ततु में भी पूर्ण आंतरिक परावर्तन की घटना होती है|
3. प्रकीर्णन
प्रकीर्णन के कारण समुद्र तथा आकाश का रंग नीला दिखाई पड़ता है, तथा सूर्य उदय एवं सूर्यास्त के समय सूर्य का रंग लाल दिखाई पड़ता है|
4 .व्यतिकरण
साबुन के बुलबुले का रंगीन है तथा जल की सतह पर फैली हुई केरोसिन तेल का सूर्य के प्रकाश में रंगीन दिखाई पड़ना, व्यतिकरण के कारण होता है|