Information about femous People of Himachal Pradesh in hindi
दोस्तों आपका हमारी वेबसाईट में स्वागत है| आज हमने इस लेख में Information about femous People of Himachal Pradesh in hindi – List of people from Himachal Pradesh(hp gk in hindi) के बारे में जानकरी साझा की है| जो आपके आने सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के दृष्टिकोण से काफी जरुरी है|
1.पहाड़ी गांधी बाबा कांशीराम – इनका जन्म 11 जुलाई, 1882 में कांगड़ा जिले डाडासिब्बा स्थान पर हुआ| 1902 में वह स्वधीनता संग्राम में कूद पड़े| 1937 में गदड़ीया जनसभा में पंडित नेहरु एन इन्हें पहाड़ी गांधी का नाम दिया| सरोजनी नायडू ने इन्हें पहाड़ी बुलबुल कहकर सबोधित किया| 1943 में इनकी मृत्यु हो गई| भगतसिहं,राजगुरु, सुखदेव को फांसी मिलने के बाद आजादी तक इन्होने काले कपड़े धारण करने का प्रण लिया|
2.भागमल सौंठा – इनका जन्म 23 सितम्बर, 1899 में जुब्बल में हुआ| इन्होने 1939 में धामी प्रेम प्रचारिणी सभा का गठन किया| 16 जुलाई, 1939 को धामी की राजधानी हलोग में एक जनसभा क आयोजन हुआ| जनता भड़क उठी और धामी गोली कांड में 2 लोगों की जान चली गई| यह हिमाचल प्रदेश में गोली कांड की पहली घटना थी| भागमल सौंठा को अंबाला जेल में बंद कर दिया गया|
3. पंडित पदम देव -इनका जन्म 26 जनवरी, 1901 में रोहडू के भमनोल गाँव में हुआ। ये कविराज के नाम से भी जाने जाते थे। उन्होंने सविनय अवज्ञा आंदोलन तथा भारत छोड़ो आंदोलन में भी भाग लिया। 1946 में इन्होंने हिमालयन हिल स्टेट रीजनल काउंसिल का गठन किया और उसके महासचिव बने। इन्होंने सुकेत सत्याग्रह का नेतृत्व किया। यह 1952 में हिमाचल प्रदेश की पहली कांग्रेस सरकार के प्रथम गृह मंत्री बने।
4. चन्द्रधर शर्मा गुलेरी–यह हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध लेखक, कहानीकार, गीतकार व समीक्षक थे। इनका जन्म 7 जुलाई, 1883 को जयपुर में हुआ। इनका पैतृक गाँव काँगड़ा का गुलेर था। सुखमय जीवन, बुद्ध का काँटा, उसने कहा था आदि इनकी प्रसिद्ध रचनाएँ हैं।
5. लालचन्द प्रार्थी- इनका जन्म 1916 में कुल्लू के नग्गर में हुआ। इन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया। कुलूत देश की कहानी इनकी प्रसिद्ध रचना है। इनकी मृत्यु 11 दिसम्बर, 1982 को हुई।
6. सैमुअल इवान्स स्टोक्स (सत्यानंद स्टोक्स)–यह 1905 में फिलाडेल्फिया (यू. एस. ए.) से भारत आएं। शिमला के कोटगढ़ में 1910 में बस गए। महात्मा गांधी से प्रेरित होकर इन्होंने खादी पहनना शुरू कर दिया। 1922 में लाहौर जेल में कैद हुए। 1918 ई. में इन्होंने कोटगढ़ में अमरीकी किस्म के सेब के बाग लगाए।
7. मेहर चंद महाजन-जस्टिस मेहर चंद महाजन का जन्म 23 दिसंबर, 1889 को कांगड़ा के नगरोटा में हुआ। वह सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बनने वाले एकमात्र हिमाचली हैं। वह 1954 में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बने।
8. ठाकुर सेन नेगी (टी.एस. नेगी)–इनका जन्म 5 सितम्बर, 1909 को किन्नौर के शौंग में हुआ। 3 बार 1979-82,1982-85 और 1990-92 तक विधानसभा के अध्यक्ष बने। उन्होंने शेड्यूल ट्राइब ऑफ हिमाचल प्रदेश किताब लिखी।

9. विद्या स्टोक्स–विद्या स्टोक्स का जन्म 8 दिसम्बर, 1927 को कोटगढ़ में हुआ। वह हिमाचल प्रदेश विधानसभा की पहली महिला अध्यक्ष बनीं। वह हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष भी बनीं। वह एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की महिला खिलाड़ी भी रही हैं।
10. डॉ. वाई. एस. परमार–डॉ यशवंत सिंह परमार का जन्म सिरमौर के बागथन नामक स्थान पर 4 अगस्त, 1906 में हुआ। वह 1941 में सिरमौर में जज और वकील थे। वह 1952 में हिमाचल प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बने। वह 1952-56, 1963-67, 1967-71, 1972-77 तक 4 बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।
11. रामलाल ठाकुर–रामलाल ठाकुर का जन्म 1929 में जुब्बल में हुआ। वह 2 बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। वह 1983 में आंध्र प्रदेश के राज्यपाल बने। वह मुख्यमंत्री और राज्यपाल बनने वाले एकमात्र हिमाचली थे। इनकी मृत्यु सन् 2002 में हुई|
12. वीरभद्र सिंह–इनका जन्म 23 जून, 1934 को सराहन में हुआ। इनका संबंध रामपुर बुशहर रियासत से है। यह 6 बार 1983, 85, 93, 2003, 2012 में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
13. शांता कुमार-इनका जन्म 13 सितंबर, 1934 को कांगड़ा के पालमपुर में हुआ। यह 1977 और 1990 में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। इनकी प्रसिद्ध रचनाएं हैं-धरती है बलिदान की, हिमालय पर लाला छाया, मृगतृष्णा, लाजो और खादी, मन के मीत, पहाड़ बेगाने नहीं होंगे। यह केन्द्रीय खाद्य और आपूर्ति मंत्री तथा ग्रामीण विकास मंत्री भी रहे हैं।
14.–प्रेम कुमार धूमल – इनका जन्म 10 अप्रैल, 1944 को हमीरपुर के समीरपुर में हुआ। यह 1998 से 2003 और 2007 से 2012 तक हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। इन्होंने 1996 और 1998 में 2 बार लोकसभा का प्रतिनिधित्व किया है।
15. निकोलस रोरिक–इनका जन्म 1874 में रूस के सेन्ट पीटर्सबर्ग में हुआ। इन्हें महर्षि के नाम से जाना जाता था। इन्होंने 20 वर्ष कुल्लू में बिताए और हिमालय पर 7 हजार चित्र बनाए। नगर में रोरिक कला संग्रहालय इन्हीं के नाम पर बना है। 13 दिसम्बर, 1947 को इनका निधन हो गया।
16. सरदार शोभा सिंह–इनका जन्म पंजाब के गुरदासपुर में 1901 में हुआ था। वह 1947 में अंद्रेटा (कांगड़ा) में आए। इन्हीं के नाम पर अंद्रेटा में शोभा सिंह आर्ट गैलरी है। 1989 में इनका निधन हो गया। इनके कुछ विख्यात चित्र हैं-सोहनी महिवाल, काँगड़ा ब्राइड, गद्दी सुंदरी, सिक्ख गुरुओं के चित्र।
17. राजा संसार चंद-यह कांगड़ा के सबसे प्रसिद्ध राजा थे। इनका जन्म 1775 ई. में हुआ। इन्होंने काँगड़ा चित्रकला के विकास में बहुत योगदान दिया| इन्होनें 1809 में प्रसिद्ध ज्वालामुखी की संधि की| इनकी 1823 ई. में मृत्यु हुई|
18. राजकुमारी अमृत कौर-राजकुमारी अमृत कौर का जन्म 2 फरवरी, 1889 ई. को लखनऊ में हुआ था। वर्ष 1952 में उन्होंने लोकसभा चुनाव जीता तथा देश की पहली स्वास्थ्य मंत्री बनीं।
19.दलाईलामा – 14 वें दलाईलामा का असली नाम तेनजिंग ग्यास्त्रों है| दलाईलामा का जन्म 6 जुलाई, 1935 ई. को तिब्बत के ल्हासा में हुआ था| 1959 में तिब्बत पर चीन के कब्जे के बाद दलाई लामा तिब्बती शरणार्थियों के साथ धर्मशाला में बस गये| उन्होंने धर्मशाला में तिब्बत की अंतरिम सरकार का गठन किया| उन्हें 1989 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था|
20.निर्मल वर्मा – निर्मल वर्मा का जन्म 3 अप्रैल,1929 को शिमला में हुआ था| इनकी पहली फिल्म कहानी-संग्रह ‘परिंदे’ अत्याधिक प्रशासित हुआ था| वे दिन निर्मल वर्मा की सर्वश्रेष्ठ औपन्यासिक कृति है|
21.प्रीति जिंटा – प्रीति जिंटा का जन्म 31 जनवरी,1975 को शिमला में हुआ था दिन की पहली फिल्म दिल से 1998 में रिलीज हुई थी प्रीति जिंटा आईपीएल की टीम पंजाब किंग्स की टीम की ऑनर है|
22.कंगना राणावत – कंगना राणावत का जन्म 20 मार्च को मंडी जिले के भाम्बला में हुआ था| उन्होंने वर्ष 2006 में ‘फैशन’ फिल्म के साथ हिंदी फिल्मों में पदार्पण किया|
23.मनोहर सिहं – मनोहर सिंह का जन्म 19३38 ईसवी में शिमला के क्वारा गांव में हुआ था| उनकी पहली फिल्म ‘किस्सा कुर्सी का’ थी| ‘पार्टी’ और ‘डैडी’ फिल्मों में उन्होंने भूमिका निभाई है| वर्ष 1982 ईस्वी में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार प्रदान किया गया|
24.जनरल विश्वनाथ शर्मा – नरल विश्वनाथ शर्मा कांगड़ा के डाड गाँव के निवासी मेजर सोमनाथ शर्मा के छोटे भाई है| उन्होंने 1962, 1965 और 1971 ई. की लड़ाई में भाग लिया| इन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक और अति विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया| वह 1988 से 1990 तक भारत के थल सेनाध्यक्ष बनने वाले पहले हिमाचली है|
25.विक्रम बत्रा – विक्रम वत्रा का जन्म 9 सितम्बर, 1974 को पालमपुर के घुग्गार गाँव में हुआ| इन्हें 1999 के कारगिल युद्ध में असीम वीरता के लिए मरणोपरांत ‘परमवीर चक्र’ प्रदान किया गया|
26.सोमनाथ शर्मा – सोमनाथ शर्मा का जन्म 31 जनवरी 1923 को कांगड़ा में हुआ था वर्ष 1947 में पाकिस्तान के विरुद्ध कश्मीर युद्ध में असीम वीरता दिखाने के लिए मरणोपरांत परमवीर चक्र प्रदान किया गया|
27.सौरभ कालिया – सौरभ कालिया का जन्म 29 जून, 1976 को हुआ था| उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा पालमपुर से प्राप्त किए कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सैनिकों के अमानुषिक व्यवहार के कारण वह वीरगति को प्राप्त हुए|