India Constitution भारत का सविंधान
-सविंधान वह सर्वोच्च विधि होती है, जो किसी देश में राजनैतिक, सामजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक तथा मानवीय मूल्यों एवं संस्थाओं की स्थपाना करती है| सविंधान का उद्देश्य एक विशिष्ट राजनैतिक संस्कृति का विकास करना होता है|इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए सविंधान द्वारा विभिन्न राजनैतिक संस्थाओं के अधिकारों एवं उतरदायित्वों का निर्धारण किया जाता है
-भारत ने स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद आधुनिक मूल्यों एवं संस्थाओं की स्थापित करने के लिए एक लिखित सविंधान अपनाया| भारतीय सविंधान का निर्माण करने वाली सविंधान सभा का गठन जुलाई, 1946 में कैबिनेट मिशन की संस्तुतियो (Recommendations)के आधार पर किया था|

Indian Constitution Gk Notes in hindi
Indian Constitution Gk Notes in hindi

Indian Constitution Gk Notes in hindi

सविंधान का निर्माण
भारतीय सविंधान (India Constitution) विश्व का सबसे विशाल सविंधान है| इसके निर्माण में 2 वर्ष, 11 माह और 19 दिन का समय लगा था| इसमें आरम्भ में 395 अनुच्छेद, 22 भाग और 8 अनुसूचियां (वर्तमान में 12) थी|
-सविंधान के निर्माण देश के प्रत्येक प्रांत से चुने गए प्रतिनिधियों की सविंधान सभा द्वारा किया गया| सविंधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या 389 निर्धारित की गई, जिसमें 292 ब्रिटिश प्रान्तों से, 93 देशी रियासतों से एवं 4 कमिशनर क्षेत्रों के प्रतिनिधि दिल्ली, अजमेर-मारवाड़ कुर्ग एवं ब्रिटिश बलूचिस्तान शामिल थे|
-सविंधान सभा का प्रथम अधिवेशन 9 दिसम्बर, 1946 को सम्पन्न हुआ| मुस्लिम लीग ने सविंधान सभा की पहली बैठक का बहिष्कार किया था| डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा ने सविंधान सभा के पथम अधिवेशन की अध्यक्षता की थी, जोकि अस्थाई तौर पर इस पद नियुक्त किए गए थे|
-11 दिसम्बर, 1946 की डॉ.राजेंद्र प्रसाद की सविंधान सभा का स्थाई अध्यक्ष किया गया|

देश का प्रथम अंतरिम मंत्रिमंडल
जवाहरलाल नेहरु – कार्यकारी परिषद के उपाध्यक्ष, विदेशी मामले तथा राष्ट्रमंडल
सरदार वल्लभभाई पटेल – गृह, सुचना एवं प्रसारण
बलदेव सिहं – रक्षा
सी. राजगोपालाचारी – शिक्षा
डॉ. राजेंद्र प्रसाद – खाद्य एवं कृषि
जगजीवन राम – श्रम
आई आई चुंदरीगर – वाणिज्य
जोगेन्द्र नाथ मंडल – विधि
जॉन मथाई – उद्योग तथा आपूर्ति
सी. एच. भाभा – खान एवं बंदरगाह
आसफ अली – रेलवे
लियाकत अली खां – वित
अब्दुल रब निश्तार – संचार
गजनफर अली खां – स्वास्थ्य

पंडित जवाहर लाल ने सविंधान सभा में समक्ष ‘उद्देश्य प्रस्ताव'(Objective Resolution) 13दिसम्बर, 1946 को प्रस्तुत किया, जो भारतीय सविधान के आधार बना |
-उद्देश्य प्रस्ताव को सविंधान के रूप में परिष्कृत करने के लिए विभिन्न विषयों से सबंधित समितियों का गठन किया गया, जिनमें सबसे प्रमुख डॉ.भीमराव अम्बेडकर की अध्यक्षता में बनी सात सदस्यों वालो प्रारूप सिमिति थी|

-प्रारूप समिति में डॉ.अम्बेडकर के अतिरिक्त एन गोपालास्वामी आयंगर, अल्लादि कृष्णास्वामी अय्यर, के एम मुंशी, मोहम्मद सादुल्लाह, डी पी खेतान (1948 में इनकी मृत्यु के पश्चात टी टी कृष्णामाचारी नियुक्त) और एन माधवराव (बी एल मित्र के स्थान पर नियुक्त) अन्य सदस्य थे।

-26 नवम्बर, 1949 को संविधान अंगीकृत किया गया था, जिस पर 284 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए।
-26 जनवरी, 1950 को भारतीय संविधान लागू किया गया, क्योंकि सन् 1930 से ही 26 जनवरी का दिन सम्पूर्ण भारत में स्वाधीनता दिवस के रूप में मनाया जाता था, इसलिए 26 जनवरी 1950 को प्रथम गणतन्त्र दिवस मनाया गया।

डॉ. भीमराव अम्बेडकर को भारतीय संविधान(India Constitution) जनक के रूप में जाना जाता है।

-संविधान सभा की अन्तिम बैठक 24 जनवरी,1950 को हुई और इसी दिन संविधान सभा डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को भारत का प्रथम राष्ट्रपति चुना गया।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top