History of District Hamirpur in Hindi
जिले के रूप में गठन – 1 सितम्बर, 1972 जिला मुख्यालय – हमीरपुर
जनसंख्या घनत्व – 406 (2011 में) साक्षरता – 89.01% (2011 में)
कुल क्षेत्रफल – 1118 वर्ग किलोमीटर (2.01 %) जनसंख्या – 4,54,293(6.63% 2011 में)
लिंग अनुपात – 1096 (2011 में) दशकीय वृद्धि दर – 10.08% (2001-2011 में)
कुल गाँव – 1672 (आबाद गाँव 1635) ग्राम पंचायतें – 229
विकास खंड – 6 विधानसभा क्षेत्र – 5
शिशु लिंगानुपात – 881 (2011 में) ग्रामीण जनसंख्या – 4,22,880 (93.09% 2011 में)
(i) भूगोल
1. भौगोलिक स्थिति-हमीरपुर हिमाचल प्रदेश के पश्चिम भाग में स्थित है। हमीरपुर जिला 31° 25′ से 31°58′ उत्तरी अक्षांश और 76°18′ से 76°44′ पूर्वी देशांतर के बीच स्थित है। हमीरपुर जिले के उत्तर पूर्व और पूर्व में मण्डी, पश्चिम और दक्षिण पश्चिम् में ऊना, उत्तर में काँगड़ा तथा दक्षिण में बिलासपुर जिले की सीमाएं लगती हैं। हमीरपुर शहर की समुद्रतल से ऊँचाई 786 मीटर है|
2.धार- हमीरपुर जिले में 3 मुख्य धार है| जखधार, छबुत्रा धार और सोलहसिंग्घी धार| जखधार नादौन से हमीरपुर जिले में प्रवेश करती है। हमीरपुर शहर जखधार के पूर्व में स्थित है। सोलह सिंगी धार हमीरपुर की सबसे लम्बी धार है, इसे ऊना में चिंतपूर्णी और जस्वां धार के नाम से जाना जाता है।
3. नदियाँ-व्यास नदी उत्तर में हमीरपुर की काँगड़ा से सीमा बनाती है। मान खड्ड पश्चिम भाग में, कुनाह खड्ड उत्तर-पश्चिम भाग में, बेकर खड्ड पूर्व भाग में बहकर ब्यास नदी में मिलती है। सुकर खड्ड और मुण्डखर खड्ड सीर खड्ड में मिलती है। सीर खड्ड अंत में दक्षिण में बहकर सतलुज नदी में मिलती है। सुकर खड्ड बिलासपुर से बेकर और सीर खड्ड मण्डी जिले से हमीरपुर की सीमा बनाता है।
(ii) इतिहास
1. हमीरपुर की स्थापना-1700 ई. में आलम चंद की मृत्यु के बाद हमीरचंद काँगड़ा के शासक बने। उस समय काँगड़ा किला मुगलों के अधीन था। हमीरचंद ने 1700 ई. से लेकर 1747 ई. तक काँगड़ा रियासत पर शासन किया। हमीरचंद ने 1743 ई. में जिस स्थान पर एक किले का निर्माण किया, वही स्थान कालांतर में हमीरपुर कहलाया । हमीरपुर किले को 1884 ई. में तहसील कार्यालय बनाया गया। इस प्रकार हमीरपुर को नादौन के स्थान पर 1868 ई. में तहसील मुख्यालय बनाया गया।
2. सुजानपुर टिहरा-1748 ई. में काँगड़ा के राजा अभयचंद ने सुजानपुर की पहाड़ियों पर दुर्ग (महल बनवाए जो टिहारा के नाम से प्रसिद्ध हुए। सुजानपुर शहर की स्थापना घमण्डचंद ने की / घमण्डचंद ने 1761 ई. में सुजानपुर में चामुण्डा मंदिर का निर्माण करवाया। काँगड़ा के राजा संसारचंद ने सुजानपुर टिहरा को अपनी राजधानी बनाया। राजा संसारचंद ने 1793 ई. में सुजानपुर में गौरी शंकर मंदिर का निर्माण करवाया। सुजानपुर का नर्वदेश्वर मंदिर 1823 ई. में संसारचंद द्वारा बनवाया गया। राजा संसारचंद ने सुजानपुर टिहरा में ब्रज जैसी होली का त्योहार शुरु करवाया सुजानपुर टिहरा की 1820 ई. में विलियम मूरक्राफ्ट और जॉर्ज ट्रिवेक ने यात्रा की। सुजानपुर टिहरा में हिमाचल प्रदेश का एकमात्र सैनिक स्कूल स्थित है। सुजानपुर टिहरा में हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा खेल मैदान है।
3. नादौन-नादौन शहर ब्यास नदी के किनारे बसा है। इस स्थान पर 1687 ई. में गुरुगोविंद सिंह और बिलासपुर के राजा भीमचंद ने मुगलों को हराया था। यह युद्ध नादौन युद्ध के नाम से प्रसिद्ध है। काँगड़ा के राजा संसारचंद ने नादौन के पास अमतर को अपनी ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया। संसारचंद ने नादौन के बारे में कहा था “आएगा नादौन जाएगा कौन” । राजा संसारचंद ने मण्डी के राजा ईश्वरी सेन को 12 वर्षों तक नादौन जेल में कैद रखा जिसे बाद में गोरखाओं ने छुड़वाया। मूरक्राफ्ट ने 1820 ई. में नादौन की यात्रा की। नादौन को 1846 ई. में तहसील मुख्यालय बनाया गया। यशपाल साहित्य प्रतिष्ठान की स्थापना 2000 ई.में नादौन में की गई।
4. महलमोरियो-हमीरपुर के महलमोरियो में 1806 ई. में गोरखों ने महाराजा संसारचंद को हराया जिसके बाद संसारचंद को काँगड़ा किले में शरण लेनी पड़ी। हमीरपुर 1806 से 1846 तक सिक्खों के नियंत्रण में था। 1846 में हमीरपुर अंग्रेजों के अधीन आ गया।
5. भुम्पल-साहित्यकार यशपाल का जन्म भुम्पल में हुआ। यशपाल 1918 ई. में स्वाधीनता संग्राम में कूदे थे।
6. विक्टोरिया क्रॉस-हमीरपुर के लान्स नायक लाला राम को प्रथम विश्वयुद्ध में अदम्य साहस के लिए विक्टोरिया क्रॉस प्रदान किया गया। वे विक्टोरिया क्रॉस प्राप्त करने वाले पहले हिमाचली हैं।
7. जिले का निर्माण-हमीरपुर जिला 1966 ई. से पूर्व पंजाब का हिस्सा था। हमीरपुर काँगड़ा जिले की तहसील के रूप में 1966 ई. में हिमाचल प्रदेश में मिलाया गया। हमीरपुर को 1 सितम्बर 1972 ई. को काँगड़ा से अलग कर जिला बनाया गया। हमीरपुर जिला बनने से पूर्व (1972 ई.) काँगड़ा जिले का उपमण्डल था। हमीरपुर और बड़सर 2 तहसीलों से हमीरपुर जिले का गठन कि गया। वर्ष 1980 ई. में सुजानपुर टिहरा, नादौन और भोरंज तहसील का गठन किया गया।
हमीरपुर जिला हिमाचल प्रदेश
विविध – दियोटसिद्ध में बाबा बालकनाथ का मंदिर है| हमीरपुर के पक्काभरों में हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ सेवाएँ चयन बोर्ड स्थित है| भोरंज में डूंगरी में नवोदय स्कुल है| हमीरपुर के पकपदोड़ोह में आकाशवाणी केंद्र है| ताल में भेड़ प्रजनन केंद्र स्थित है| ज्लाड़ी में दुग्ध अभीशीतन केंद्र है| हमीरपुर में NIT स्थित है| हमीरपुर में ग्सोता मेला, पीपलू मेला और सायर मेला लगता है|