Himachal Pradesh General Knowledge

दोस्तों आपका हमारी वेबसाइट में स्वागत है| इस भाग में हमने Himachal Pradesh General Knowledge करे बारे में जानकारी साझा की है| इस भाग में हमने हिमाचल प्रदेश के पुरातात्विक संग्राहलय के बारे में जानकारी साझा की है| जो आपके लिए महत्वपूर्ण होने वाली है| यह लेख आपके आने वाली हिमाचल प्रदेश की सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के दृष्टिकोण से काफी जरूरी है| Himachal Pradesh General Knowledge लेख का ठीक से अधयन्न करके आप परीक्षाओं में सफलता हासिल कर सकते है|

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हिमाचल प्रदेश के पुरातात्विक संग्राहलय

हिमाचल प्रदेश की दुर्लभ कलाकृतियों की विरासत को बचाने हेतु निम्नलिखित संग्राहलय कार्यरत है –
1.भूरी सिंह संग्राहलय, डलहौजी (चंबा) – वर्ष 1908 ई. में राजा भूरी सिंह ने चंबा के राजाओं के सम्मान में इस संग्राहलय की स्थापना चंबा जिले के डलहौजी नामक स्थान पर किया था| भूरी सिंह संग्राहलय हिमाचल प्रदेश का सबसे पुराना संग्राहलय है| इस संग्राहलय में शारदा लिपि की कई ऐतिहासिक शिलालेख रखे गए है, जिनमे उस काल के इतिहास के बारे में काफी विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई है|

2.हिमाचल प्रदेश राज्य संग्राहलय और पुस्तकालय, शिमला – हिमाचल प्रदेश राज्य संग्राहलय और पुस्तकालय, शिमला की स्थापना वर्ष 1947 में चौड़ा मैदान शिमला में की गई थी| इस संग्राहलय में पहाड़ी लघु चित्रों, मुगल, राजस्थानी और समकालीन पेटिंग का एक खुबसूरत प्रदर्शन है| विभिन्न कांस्य कलाकृतियां, तस्वीरों, टिकट संग्रह और मानवविज्ञान से संबंधित वस्तुएँ भी संग्राहलय में सरंक्षित की गई है| पर्यटक गुप्तकालीन मूर्तियाँ, मसरूर के शिला चित्र और कुल्लू के मास्क भी यहाँ देख सकते है| साथ ही यहाँ विभिन्न ऐतिहासिक किताबे और पांडूलिपियों का संग्रह है|

3.कांगड़ा कला संग्राहलय – हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के धर्मशाला शहर में वर्ष 1987-88 में कुछ कला प्रेमियों द्वारा महाराजा संसार चंद की स्मृति में महाराजा चंद आर्ट गैलरी की स्थापना की गई थी| जनवरी 1989 में हिमाचल प्रदेश में भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा महाराजा संसार चंद आर्ट गैलरी को अधिकृत करने के उपरांत 17 जनवरी, 1990 को कांगड़ा कला संग्राहलय के नाम से राष्ट्र को समर्पित किया गया|

4.किलंग संग्राहलय – लाहौल-स्पीती जिले के मुख्यालय किलंग में वर्ष 2006 में किलंग संग्राहलय की स्थापना का गई थी| इस संग्राहलय में एक सभागार के साथ जनजातीय कला का एक संग्राहलय भी स्थापित किया गया| इस संग्राहलय में थंका पेंटिंग्स, भोज पांडूलिपि और टैंकी दस्तावेज सुरक्षित रखे गये है|

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5.रोरिक आर्ट कॉलेज – वर्ष 2012 में हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला अंतर्गत नग्गर नामक स्थान पर रोरिक आर्ट कॉलेज की स्थापना की गई| यहाँ पूर्व में रोरिक आर्ट गैलरी अवस्थित थी जिसे कॉलेज का रूप दिया गया| रोरिक आर्ट कॉलेज के आर्ट गैलरी में महान कला प्रेमी निकोलस रोरिक की पेंटिग सुरक्षित रखी गई है|

6.शोभा सिंह आर्ट संग्राहलय – कांगड़ा जिले के अन्द्रेटा नामक स्थान पर अवस्थित प्रसिद्ध चित्रकार शोभा सिंह की कला दीर्घा को ‘शोभा सिंह आर्ट संग्राहलय’ में बदल दिया गया है| उल्लेखनीय है, कि 29 नवंबर, 1901 को सरदार शोभा सिंह का जन्म पंजाब प्रांत के गुरदासपुर में हुआ था| वर्ष 1923 में उन्होंने लाहौर में अपना स्टूडियो शुरू किया था| भारत विभाजन के पश्चात ये हिमाचल के अन्द्रेटा में बस गये| वर्ष 1986 में इनका निधन हुआ|

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