द्रव्यमान ऊर्जा सबंध :
इसके अनुसार द्रव्यमान एवं ऊर्जा एक-दुसरे से स्वतंत्र नहीं है| बल्कि दोनों एक-दुसरे से सबंधित है तथा प्रत्येक में उसके द्रव्यमान के कारण ऊर्जा भी होती है| इस सिंद्धात का प्रतिपादन आईन्स्टीन ने किया था| जिसे सापेक्षिता का सिंद्धात कहा जाता है| अत: किसी वस्तु का द्रव्यमान m एवं प्रकाश का वेग c है, तो इस द्रव्यमान से सबंध ऊर्जा होती है|
नाभिकीय विखंडन (Nuclear Fission) : वह नाभिकीय प्रतिक्रिया जिसमें कोई एक भारी नाभिक दो भागों में टूटता है, नाभिकीय विखंडन कहलाता है| इस प्रतिक्रिया के दौरान उत्पन्न ऊर्जा को नाभिकीय ऊर्जा कहते है|
श्रृंखला अभिक्रिया : जब युरेनियम पर न्युट्रान की बमबारी की जाती है, तो एक युरेनियम नाभिक के विखंडन बहुत अधिक ऊर्जा व् तीन नये न्यूट्रान युरेनियम नाभिकों के विखंडन की एक श्रृंखला बन जाती है| इसे ही श्रृंखला अभिक्रिया कहते है|
नाभिकीय रिक्क्टर से सबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य –
(i)रिएक्टर में ईंधन के ररूप में युरेनियिम-235 या प्लूटोनियम-239 का प्रयोग किया जाता है|
(ii)रिएक्टर में मंदक के रूप में भारी जल या ग्रेफाईट का प्रयोग किया जाता है| मंदक रिएक्टर में न्युट्रान की गति को धीमा करता है|
(iii)रिएक्टर छड़ के रूप में कैडियम या बोरान छड़ का उपयोग किया जाता है| इसकी सहायता से नाभिक के विखंडन के दौरान निलकने वाले तीन नये न्युट्रान में से दो को आव्शोषित कर लिया जाता है|
नाभिकीय सलंयन (Nuclear Fusion) : इस प्रक्रिया में दो या दो से अधिक ह्ल्के नाभिक सयुंक्त होकर एक भारी नाभिक बनाते है| तथा अत्यधिक ऊर्जा विमुक्त करते है| सूर्य एवं तारों से प्राप्त ऊर्जा एवं प्रकाश का स्त्रोत नाभिकीय सलंयन ही है|