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Economics General Knowledge in Hindi

इस भाग में हमने भारतीय Economics General Knowledge in Hindi पर प्रश्न और उत्तर दिए है इस अनुभाग में आप सभी विधार्थी Economics General Knowledge in Hindi के विभिन्न प्रकार के सवाल और जवाब का अध्ययन कर करेंगे जोकि आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहद सहायक सिद्ध हो सकते है|

इन्हें भी देखें – [*100 Updated*] Gk Question Answer Hindi – SSC Gk in hindi

Economics General Knowledge in Hindi
Economics General Knowledge in Hindi

Economics GK – Indian Economy Quiz

1.अनिवार्य बचत का सबंध किससे है?

A आयकर दाताओं पर थोपें गए अनिवार्य निक्षेप (जमा)
B निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के भविष्य निधि में अभिदान
C कीमतों में बढ़ोतरी के परिणामस्वरूप खपत की कमी
D व्यक्तिगत आय और धन पर कर

उतर – C व्याख्या :- नोबेल पुरस्कार विजेता फ्रेडरिक वॉन हायेक के अनुसार अनिवार्य बचत (Forced Saving) कीमतों में बढ़ोतरी के परिणामस्वरूप खपत की कमी है| यह प्रत्यक्ष रूप में हो सकता है| जब सरकार करों में वृद्धि करती है अथवा अप्रत्यक्ष रूप से अधिक मुद्रस्फीति के कारण| अत: अभीष्ट विकल्प (C) है|

2.किसी उद्यमी द्वारा विज्ञापन तथा जन-सम्पर्क पर किया गया खर्च, उसके किस प्रकार के व्यय का हिस्सा है?

A स्थायी पूंजी का उपभोग
B अंतिम उपभोग व्यय
C मध्यवर्ती उपभोग
D स्थायी पूंजी

उतर – C व्याख्या :- विज्ञापन तथा जन-सम्पर्क आदि जैसे अन्य विक्रय खर्चे (Selling Expenses)मध्यवर्ती उपभोग (Intermediate Consumption) का हिस्सा है|

3.किसी आर्थिक प्रणाली में सरकार यह निर्णय लेती है कि समाज की आवश्यकताओं के अनुसार भिन्न वस्तुओं का उत्पादन किया जाए?

A समाजवादी
B मिश्रित
C पूंजीवादी
D पारंपरिक

उतर- A व्याख्या :- समाजवादी आर्थिक प्रणाली में सरकार यह निर्णय लेती है कि समाज की आवश्यकताओं के अनुसार भीं वस्तुओं के अनुसार भिन्न वस्तुओं का उत्पादन किया जाए| शुम्पिटर के अनुसार, ‘समाजवादी अर्थव्यवस्था उस अर्थव्यवस्था की कहते है, जिसमें उत्पादन के साधनों पर केन्द्रीय शक्ति का नियंत्रण होता है, जहाँ समाज की आर्थिक क्रियाएं निजी क्षेत्र में न होकर सार्वजनिक क्षेत्र में होती है’|

4.भारत में योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था किस पद्दति पर आधारित है?

A पूंजीवादी व्वयस्था
B पारंपरिक व्यवस्था
C अधिकार व्यवस्था
D समाजवादी

उतर – D व्याख्या :- भारत में योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था समाजवादी व्यवस्था पद्दति पर आधारित है| एक योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था में लघु एवं कुटीर उद्योगों के योगदान का निर्धारण प्रथमत: विभिन्न क्षेत्रों के बीच साधनों एक वितरण के सामान्य सिद्धातों को निश्चित कर और द्वितीय किसी क्षेत्र विशेष में प्रौद्योगिक चयन के सिद्धातों के अनुसार किया जा सकता है|

5.गिफन (निम्न स्तरीय) तथा घटिया माल पर विचार करते समय हमें यह ज्ञात होता है, कि-

A घटिया माल गिफन माल भी अवश्य होगा
B गिफन माल घटिया भी अवश्य होगा
C घटिया माल गिफन माल नहीं हो सकता
D गिफन माल घटिया माल नही हो सकता

उतर – B व्याख्या – गिफन माल घटिया माल भी अवश्य होगा| इस बात का संकेत प्रथमत: ‘राबोर्ट गिफन’ ने दिया था, इसलिए उन्हीं के नाम पर एसी वस्तुएं है जिन पर उपभोक्ता अपनी आय का बड़ा भाग व्यय करता है| इन वस्तुओं पर मांग का नियम लागू नहीं होता बल्कि मूल्य में वृद्धि से इनकी मांग बढ़ जाती है व् मूल्य में कमी से मांग कम हो जाती है|

6.बिना-बीमायोग्य अथवा अनिश्चिता जोखिम है-

A आग
B बाढ़
C उस वस्तु की कीमत में परिवर्तन
D प्रचलन (फैशन) में परिवर्तन

उतर – D व्याख्या – बिना-बिमायोग्य अथवा अनिश्चिता जोखिम प्रचलन (फैशन) में परिवर्तन है| इनका बीमा नहीं हो सकता|

7.निम्नलिखित में से क्या उपभोक्ता अर्द्ध-टिकाऊ वस्तुएं है –

A कार और टेलीविजन सेट
B दुग्ध और दुग्ध उत्पादन
C खाद्यान और अन्य खाद्य उत्पाद
D पंखा और बिजली की इस्त्री जैसे विद्युत् उपकरण

उतर – C व्याख्या – अर्द्ध टिकाऊ उपभोक्ता बस्तुएं है जो टिकाऊ तथा गैर-टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुएं के मध्य स्थित होती है| इस प्रकार की वस्तुओं के अंतर्गत वे वस्तुएं आती है जिनकी जीवन वैधता एक वर्ष से दो वर्ष होती है| जैसे- कपड़ा, जूता, गहने, सरंक्षित खाद्य पदार्थ आदि|

8.फसल कर्ज के लिए बैंक को अदा किया गया ब्याज है-

A मध्यवर्ती उपभोग
B अंतरण अदायगी
C उपादान अदायगी
D पूंजी निर्माण

व्याख्या – उपादन अदायगी उस आय को कहते है जो उत्पादन के कारकों के स्वामियों (गृहस्थ क्षेत्र) को अपनी कारक सेवाओं को उत्पादकों को अर्पित करने के बदले में प्राप्त होती है| उपादन अदायगी में शामिल है – लगान, ब्याज, मजदूरी तथा लाभ|

9.घटिया वस्तु के लिए मांग गिरती है जब –

A कीमत बढती है
B आय बढती है
C कीमत घटती है
D आय घटती है

उतर – B व्याख्या – निम्न्कोटी या घटिया वस्तुएं एसी वस्तुएं है, जिनकी मांग उपभोक्ता की आय बढने पर घट जाती है और आय कम होने पर बढ़ जाती है| इस प्रकार उपभोक्ता आय तथा घटिया वस्तु की मांग में विपरीत संबंध होता है|

10.यदि किसी मॉल की मांग की ऋणात्मक आय लोच है और धनात्मक मूल्य लोच है, तो वह कैसे माल है?

A निम्नस्तरीय माल
B सामान्य माल
C बढिया माल
D घटिया माल

उतर – A व्याख्या – निम्नस्तरीय वस्तुओं (Inferior Goods) की मांग की ऋणात्मक आय लोच और धनात्मक मूल्य लोच होती है| इनके माग वक्र का ढलान निचे से उपर की ओर होता है| Giffen Goods = निम्नस्तरीय वस्तुएं, गिफन वस्तुएं| Inferior Goods = निम्नस्तरीय वस्तुएं, घटिया वस्तुएं

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