(11) अजमेर (1712-41 ई.) अजमेर ने हन्डूर की सीमा पर ‘अजमेरगढ़’ किला बनवाया|
(12) देवीचंद (1741-78 ई.) राजा देवीचंद ने हन्डूर रियासत के राजा मानचंद और उसके पुत्र की मृत्यु के बाद जनता के आग्रह पर स्वयं गद्दी पर न बैठकर गजे सिहं हन्डूरिया को राजा बनाया| देवीचंद ने 1751 ई. में घमंडचंद की युद्ध में सहायता की थी| देवीचंद नादिरशाह का समकालीन था| देवीचंद ने हन्डूर के राजा विजय सिहं को रामगढ़ दुर्ग दे दिया था|
(13) महानचंद (1778-1824 ई.) बिलासपुर पर सबसे लम्बी अवधि तक (46 वर्षों) महानचंद ने शासन किया| बिलासपुर के राजा महानचंद के नाबालिक होने होने के समय रामू वजीर ने प्रशासन नियंत्रण रखा| रामू वजीर की 1783 ई.में मृत्यु होने के बाद 1790 ई. तक 12 ठकुराईयों ने स्वतंत्रता प्राप्त कर ली| संसारचंद ने 1785 ई. में बिलासपुर पर आक्रमण किया जिसमें सिरमौर के राजा धर्म प्रकाश की मृत्यु हो गयी| संसारचंद ने बिलासपुर के झंझियार धार पर छातीपुर किले का निर्माण करवाया| बिलासपुर के राजा महानचंद ने 1803 ई. में गोरखों के सहयोग माँगा जिसके बाद 1805 ई. में गोरखों ने संसारचंद को पराजित किया| बिलासपुर 1803 ई. से 1814 ई.तक गोरखों के अधीन रहा| ब्रिटिश जनरल डेविड ओक्ट्र्नोली में अमर सिहं थापा (गोरखा कमांडर) को बिलासपुर के रतनपुर किले पराजित किया था| बिलासपुर 6 मार्च, 1815 ई. को ब्रिटिश सरकार के अधीन आ गया| 1819 ई. में देसा सिहं मजीठिया ने बिलासपुर आक्रमण किया|
(14) खडक चंद (1824-1839 ई.) खडक चंद के शासनकाल को बिलासपुर रियासत के इतिहास में काला युग के नाम से जाना जाता है| खडक चंद को गद्दी से हटा उसके चाचा जगत सिहं गद्दी पर बैठे|
(15) हीराचंद (1857-1882 ई.) हिराचंद ने 1857 ई. विद्रोह में अंग्रेजो की सहायता की| हिराचंद के शासनकाल को बिलासपुर रियासत के इतिहास में स्वर्णकाल के नाम से जाना जाता है| मियां भंगी पुरंगनिया हिराचंद के समय बिलासपुर रियासत के वजीर थे| हीराचंद ने 1874 ई. के जगतखाना और स्वारघाट के टैंक का निर्माण करवाया था| हिराचंद ने सर्वप्रथम बिलासपुर में भू-राजस्व सुधार किये| हिराचंद की 1882 ई. में महोली नामक स्थान मृत्यु हो गई|
(16) अमरचंद (1883-1888 ई.) अमरचंद के शासन काल में बिलासपुर के गेहवड़ी में झुग्ग आंदोलन हुआ| अमरचंद ने 1885 ई. रियासत के अभिलेख देवनागरी लिपि में रखने व् कामकाज देवनागरी लिपि में करने के आदेश पारित किये|
(17) विजय चंद (1888-1928 ई.) विजयचदं ने बिलासपुर में रंगमहल का निर्माण करवाया| विजय चंद ने कोर्ट फीस ज्युडिशियल स्टॉम्प शुरू करने के अलावा बिलासपुर शहर में पानी की सप्लाई शुरू करवाई| बहादुरपुर को उन्होंने अपनी ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया| उनके शासनकाल में (1903 में) अमर सिहं वजीर थे| प्रथम विश्व युद्ध (1914-18) में विजयचंद ने अंग्रेजों का साथ दिया|
(18) आनंदचंद (1928-1948 ई.) आनंदचंद महात्मा गांधी के शिष्य थे| आनंदचंद बिलासपुर रियासत के अंतिम शासक थे| बिलासपुर को भारत में विलय का वह विरोध करते थे और स्वतंत्र अस्तित्व के पक्षधर थे| बिलासपुर को 9 अक्टूबर, 1948 को ‘ग’ श्रेणी का राज्य और 12 अक्टूबर, 1948 को आनंदचंद को बिलासपुर का पहला मुख्य आयुक्त बनाया गया| उनके बाद 2 अप्रैल 1949 को श्रीचंद छाबड़ा बिलासपुर के दुसरे मुख्य आयुक्त बने| बिलासपुर को 1 जुलाई, 1954 को हिमाचल प्रदेश में 5 वें जिले के रूप में विलय कर दिया गया| राजा आनंदचंद लोकसभा में निर्वरोध चुने गये| वह 1957 ई. हिमाचल प्रदेश तथा 1964 ई. बिहार से राज्यसभा के लिए चूने गये|